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Showing posts from December, 2018

जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम , बिलकुल शेष नहीं है शेम। देश सुरक्षा गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम, संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम।

हिन्दू  न मुसलमान ,बस किसान और जवान , बने मेरे देश की पहचान , तब सच्चे अर्थों में भारत बने महान। .............................. राजनीति की नौटंकी चलती रहती है , कभी हंसाये कभी रुलाये , मौसम तो बदला करता है। सुख -दुःख दोनों संग चले हैं , जीवन कब ठहरा करता है। कर्म करो नहीं फल की चिंता , फल तो खुद मिलता रहता है। ................................................. जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम , बिलकुल शेष नहीं है शेम। देश सुरक्षा  गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम, संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम। कोर्ट के निर्णय को धकियाते ,  हो जाती जब  टै टै टैम। संसद बनी रखैल है ,इनकी  खड़गे -सुरजे हो गए जैम।  लीला -पुरुष खड़ा हतप्रभ है ,फिर भी करता इनसे प्रेम। प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )

Sapodilla facts and health benefits(HINDI )

Sapodilla Quick Facts Name: Sapodilla Scientific Name: Manilkara zapota Origin Southern Mexico, Central America and the Caribbean. Also cultivated in Thailand, India, Cambodia, Malaysia, Bangladesh and Indonesia . Colors Pale yellow - brown color with grainy texture Shapes Ovoid or ellipsoid, Diameter: 2-4 inches (5-10 cm) Flesh colors Brownish Taste Sweet Calories 200 Kcal./cup Major nutrients Vitamin C (39.33%) Carbohydrate (37.00%) Dietary Fiber (33.68%) Iron (24.13%) Copper (23.00%) Health benefits Relieves stress, Prevents cold, Prevents anemia, Reduce arthritis, Heals wound More facts about Sapodilla Native to Southern Mexico, Central America and the Caribbean, Sapodilla is now cultivated in Thailand, Malaysia, Cambodia, India, Indonesia, Bangladesh and Mexico. It was introduced during Spanish colonization to the Philippines. There are four varieties of Sapodilla: Brown Sugar, Prolific, Russel, and Tikal. Sapodilla is also known by the various vernacular/

FOOD AND DIET Why is pizza so addictive?(HINDI )अव्वल दर्ज़े का स्वाद का गुलाम बनाने वाला संसाधित खाद्य है पिज़्ज़ा

हम हैं तुम्हारे तलब -दार हो जनाबे पिज़्ज़ा , हम को  तुमसे है प्यार  ओ ललकऊ  पिज्जा।  माहिरों के अध्ययन में पिज़्ज़ा को सबसे तलबी खाद्य माना गया है ,इसका चस्का लग जाता है ललक पैदा होने लगती है ललचाने लगता है लती कारक पिज़्ज़्ज़ा आखिर क्यों ?आइये सरसरी तौर पर ज़ायज़ा लेते हैं : इसमें मौजूद धुर (शीर्ष )अवयवों को देखिये -एक छोर पर इसमें वसा (चिकनाई ,फैट )है ,शक्कर (शुगर )है ,नमकीनियत  के लिए नमक है।यही तिकड़ी दिमागी कोशिकाओं के एक समान गुणधर्मा समूह -न्यूरानों को पुरुस्कृत करके तृप्ति का एहसास हम तक पहुंचाती है।  पिज़्ज़ा की ऊपरी तह का कुर -कुरापन ,चीज़ का नरम और चिपचिपा होना ,सॉस का लेसदार होना मिलकर इसे एक ख़ास सेवरि स्वाद और खुश्बूओं   से भर देते हैं। दिल और दिमाग दोनों को खुश मिज़ाज़ बना देता है यह स्वाद। उल्लेखित खाद्य तिकड़ी में चीज़ तो अपनी जगह  खुद ही तलब पैदा करने वाली शै है फिर इसका ब्रेड और सॉस संग  मेल इसे चस्के तक ललक तक ले आता है।  पिज़्ज़ा -हट में ओवन से  उठती हुई खशबूएं नथुनों को वैसे ही भर देतीं हैं जैसे कॉफी बीन्स की उड़ती हुई बू जो दिमाग तक खुद- ब-खुद पहुँच जाती है।  ऐन्द्रिक माय